Friday, 11 May 2012

ॐ॥ स्थापित हो रामराज्य ।।ॐ

" Kanak Bhawan Shri Ayodhya Ji Dham " "Jai Shri Ram "
हे भारत के वीरोँ तुम क्या चाहते हो...

स्थापित हो रामराज्य
या हो जाये भ्रष्टाचार व्याप्त ।

भारत माता को जँजीरोँ मेँ
पुनः जकड़ने कैसे दोगे ,

रोम रोम भारत माता का श्रापेगा तुमको
यदि कुपथ्य भ्रष्ट राज्य स्थापित होने दोगे ।

इस निष्ठुर विषव्याप्त निन्दनीय तंत्र को
अपनी अगली पीढ़ी को कैसे दोगे ।

क्या तुम्हारी पुण्य आत्मा स्वीकार इसे कर पाएगी ,
आगे आने वाले वंशजोँ मेँ ना साख तुम्हारी रह जाएगी ।

पूछेंगे नभ के तारे पूछेँगे वंशज प्यारे
क्या इतिहास तुम्हारा है बतलाओ ,

हमेँ भी इस भरत वँश के वीरोँ का गुणगान सुनाओ ।

तब लज्जा वश शीश तुम्हारा
उनके आगे झुक जायेगा ,

स्वयं तुम्हारा महिष अंतरद्वंद
काल तुम्हेँ खाजायेगा ।

मन ही मन तुम काँप उठोगे
स्वभक्षण के तुम पात्र बनोगे ।

अपने ही तुमको काटेँगे
नित नये नवेले तानोँ से
तुमको वो प्यारे डाटेँगे ।

हे आर्यपुत्र हे भरतवँशियोँ
अभी वक्त हे मेरे प्यारोँ
मेरे भारत के राजदुलारोँ ।

चाहो अभी तो सँभल जाओ
हे अजर अमर सनातन के वीरोँ
धँसो नहीँ इस दलदल में
अतिशीघ्र इससे उबर आओ ।

बहुत हो चुकी यह कुम्भकरणीय निद्रा
अब तो प्यारोँ जग जाओ ,
इस गरल विषपान से
अच्छा होगा
यदि इतिहास को अपने दोहराओ ।

हे आर्यव्रती सनतानोँ शपथ है तुमको
इन फिरंगियोँ को धूल चटाओ ।

अपने अंतरमन मेँ दबी अग्नि ज्वाला को
आज तो प्यारो भड़काओ ।

फूँक दो इनकी काली लंका
दहका दो इनके जुल्मोँ का पतित ये आँगन
हे युवा वीर आज तुम
अपने पावन कदम बढ़ाओ ।

नहीँ तो ऐक दिन फिर
हम गुलाम हो जायेँगे ,

पता नहीँ फिर क्या होगा
कब सुभाष , चन्द्रशेखर और भगत सिँह
पुनः जन्म ले पायेँगे ।

हे आर्यव्रतियोँ आह्वान है तुमसे
इस गरल विष को ना स्वीकार करो ।

भारत माता का सम्मान करो
प्यारोँ भारत का उद्धार करो ।

अपने तन से लिपटे विष भुजंग को
काट समाज से बाहर करो ।

हे भारत के मतवालोँ
माता की आन पे मिटनेँ वालोँ,

आज तुम्हेँ पुकारती है जननी तुम्हारी
उस अबला का कुछ कल्याँण करो ।

रामराज्य को लाना है तो
अपना तुम बलिदान करो
अपना तुम बलिदान करो
अपना तुम बलिदान करो..।

¤ घोर सिँहनादम् जयतु जयतु माँ विश्वभारतिम् ॥

ॐ।। कवि :- सुधीर पाण्डेय ।।ॐ

No comments:

Post a Comment